Monday, May 4, 2020

Knowledge tech Bike maintenance tips in English

.  Welcome to this article of my knowledge tech.  I today  I will give you important bike servicing tips.  Which can be very useful for you.  If you own your bike.  If you provide care or service periodically, then you can avoid untimely disturbance.  So what things should you take care of in service.  Know about him  1, The bike should be serviced from time to time.  2, Carborator, and valve cleaning must be done while doing service.  Do it.  And if necessary, change it to 1500 kilometer.  3, Check the oil level periodically.  If the oil is below the level of the meter, then top-up because the oil needs to be in the correct amount in the engine.  With this, the working efficiency of the engine remains smooth.  And after 3000 - 4000 kilometers take oil change.  4, cleaning the air filter on time, because it gives clean air to the engine.  Which makes the engine work smoothly and performance is also good.  And make changeable according to the condition of the filter or once a year.  5, the adjustment of the stitch should not be loosely loose nor tight.  And it should not be pulpy, due to which the pressure on the engine increases.  Which impacts performance and6, verify the chain and gear.  The chain should not be loose or tight.  Do not clean the chain and gear with water.  Otherwise, there is a risk of rust, and the lubricant should be incurable.  Do not disguise the gear in the right bike and put the gear in a comfortable manner.  Do not force it too hard.  7, make the drum brake check, and change the brake pad if the brake is still loose.  In disc brakes, check for brake oil, if there is any oil leakage.  The dirt on the disc should be kept clean as the break is very important.  Due to its deficiency, the chances of accident increase.  8, make sure to check the battery periodically.  And if the charge is low, make it ching.  And always put the original battery.  Do not turn away from cheap  9, keep checking the air in the tire, and do not check the meter without checking.  Otherwise it can be dangerous, the next tire should be 25 and the previous tire should be 35p or according to the dia of your tire.  Because even if the air is not properly pressurized, oil and mileage are affected.  So hope you find this information good, and it will work for you.  Give your comment and precious suggestion. mileage.

Knowledge tech, Bike maintenance tips

मेरे नॉलेज टेक के इस लेख मे आपका स्वागत है। मै आज आपको बाइक सर्विसिंग के महत्त्वपूर्ण टिप्स दूँगा।जो आपके लिये अती उपयोगी हो सकती है।अगर आप अपने बाइक की देखभाल या सर्विस समय  समय पर कराते रहेंगे,तोअप असमय परेसानी से बच सकते है।तो सर्विस मे आपको किन किन बातों का ध्यान रखना चाहिए ।उसके बारे मे जानते है।1,बाइक की सर्विसिंग समय समय पर जरुर कराये।
2,सर्विस कराते समय कर्बोरेटर,और वाल्व की सफाई जरुर करबाए।और अगर जरुरत हो तो 1500किलोमिटर पर चेंज करबा ले।
3,ऑइल की लेवल की जाँच समय समय पर अवस्य करे।अगर ऑइल मीटर के लेवल से कम हो तो टॉप-अप कर ले कियोंकि ऑइल का इंजन मे सही मात्रा मे होना आवस्यक है।इसी से इंजन की कार्य छमता सहज बनी रहती है।और 3000-4000 किलोमीटर के बाद ऑइल चेंज करबा ले।
4,एयर फिल्टर की सफाई समय पर करबाते रहे,कियोंकि इससे इंजन को साफ़ हवा मिलती है।जिससे इंजन सहजता से वर्क करती है और परफार्मेंस भी अछी होती है।और फिल्टर के स्थिति के अनुसार या साल मे एक बार अवस्य चेंज करबाए।
5,कलच का एडजस्टमेन्ट सही से कर्बयें न लूज हो और न ही टाईट होनी चाहिये।और न दवी हुई होनी चाहिये,जिससे इंजन पर दबाव बढता है।जिससे परफार्मेंस और माईलेज पर असर परता है।
6,चेन और गियर की जाँच अबस्य करे।चेन न लूज होनी चाहिये और न टाईट होनी चाहिये।चेन और गियर की सफाई पानी से न करे।नहीं तो जंग का खतरा रहता है,और लूब्रिकेंट अवस्य करबाए।खरी बाइक मे गियर की छेर-छार न करे और गियर बिल्कुल आराम से लगाये।जोर से नहीं  लगानी चाहिए।
7,ड्रम ब्रेक की जाँच अवस्य कराये,और फिर भी ब्रेक लूज हो तो ब्रेक पैड चेंज कराये।डिस्क ब्रेक मे ब्रेक ऑइल की जाँच अवस्य करे कहीँ ऑइल लिकेज तो नही हो रही हो।डिस्क पर धुल मिट्टी साफ़ करते रहना चाहिए ।क्योंकि ब्रेक बहुत ही महत्वपूर्ण है।इसकी कमी की वजह से हादसे होने के चांस बढ़ जाते है।
8, बैट्री की जाँच समय-समय पर जरुर करें। और चार्ज कम हो तो चर्जींग करा लें।और हमेशा ऑरिजनल बैट्री ही लगबाये।ससते के फेर मे न रहे।
9,टायर मे हवा की जाँच करते रहें,और बिना मीटर की जाँच न करबाए।नही तो खतर्नाक हो सकती है,अगले टायर मे 25और पिछ्ले टायर मे 35p  होनी चाहिये या आपके टायर के डाया के अनुसार डलबाये। कियोंकि हवा के सही दबाव न होने पर भी तेल और माईलेज पर असर परता है।तो आशा है ये जानकारी आपको अछी लगी होगी,और आपके काम आयेगी। अपना कमेंट और कीमती सुझाब अवस्य दे।धन्यवाद 


Saturday, May 2, 2020

Knowledge tech-हिन्दी

हेलो sir,मै वीरेन्द्र कुमार आपका स्वागत करता हूँ अपने ब्लोग नाँलेज टेक में।आज के इस अंक मे जानेंगे ऑइल फिल्टर(स्पिन ऑन) के अंदर क्या- क्या सामग्री होती है ।एक स्प्रिंग फिल्टर के अंदर सबसे निचे डाली जाती है।उसके ऊपर पेपर की बनी एलिमेंट रखी जाती है।उसके ऊपर एक रबर की चेक़्वाल,फिर उसके ऊपर कॉभर प्लेट रखकर वाइन्डीँग की जाती है। वाइन्डीँग से पहले फिल्टर की किनारी या कॉभर प्लेट के किनारी मे एक विषेस प्रकार बांड या गोंद लगायी जाती है।जिससे इसके अंडर की ऑइल लीक न हो सके। वन्डिन्ग एक मसीन के द्वारा की जती है।कॉभर प्लेट के उपर एक रबर की गैस्कीट लगाकर पैक कर दिया जाता है। प्लेट के सेंटर मे इंजन के असेम्बलींग के साइज़ की थरेड (चूरी) होती है ।जिसकी मदद से इंजन मे कस दी जाती है।वैसे तो फिल्टर के ऊपर फिटमेन्ट निर्देश लिखी हुई होती है। परंतु फिल्टर ज्यादा नही कसना चाहिये।और हाथ से ही कसनी चाहिये।
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Friday, May 1, 2020

Knowledge tech 1/5/20

हेलो सर मै वीरेन्द्र कुमार आपका स्वागत करता हूँ अपने ब्लोग नाँलेज टेक में।हम इस अंक मे जानेंगे,फिल्टर पेपर की दुसरे और तीसरे तरह के पेपर के  बारे में ।पहली तरह की पेपर की जानकारी हम जान चुके है।पहले के लेख मे ये जानकारी मै आपको इसलिये दे रहे है,की एक जेनुइन फिल्टर खरीदने मे आपको मदद मिलेगी।फिल्टर मे कौन कौन से पेपर प्रयोग किया जाताहै।कौनसा  पेपर कितने परसेंट ऑइल फिल्टर करता है।चलिये जानते:-सेलुल्योज (लकरी) और फाइवर या कांच कण के मिश्रण के सहयोग से बनायी जाती है।ये मेडियम क्लास के पेपर होते है।ये सभी पेपर रेसेदार टाइप की होती है।इसमे तकरीबन पांच या छे मायक्रोण के बराबर की छिद्र होती है।और ये पपेर ऑइल को एटीफाईव परसेंट तक फिल्टर करती है।अब जानते है,तीसरे तरह की पेपर की ये सिन्थेटिक पेपर कांच या फाईवर कण के मिश्रण से बनती है।इसके छिद्र सबसे छोटे होते है तकरीबन एक-दो मक्रोन के बराबर।ये ऑइल को नाईन्टी नाईन् परसेंट तक फिल्टर करती है।और इसकी लाइफ भी बेहतर होती है।ये सबसे बेस्ट (बढिया) क्वाइलिटी की पेपर होती है।अगर इतनी जानकारी आप रखेंगे तो मुझे उम्मीद है।आप जेनुइन फिल्टर खरीद सकते है।धन्यवाद ।
तो सर ये जानकारी आपको कैसी लगी      
अपना कमेंट और सुझाव अवस्य दे।

Thursday, April 30, 2020

Knowledge tech 30/4/20

Hello friends, I welcome you to Virendra Kumar in my blog Knowledge Tech. In this issue we will know about filters. There are many types of filters. This is the important part. Without it, the working efficiency and life of the engine can be very short. Whenever you are servicing the engine, you can see how harmful and harmful it is inside the filter. The contaminated elements remain as dark black waste. The filtered clean oil is found in the engine inside the filter, only then the engine works smoothly and its life increases. Hence the time or kilometers written in the maintenance book of the vehicle Filter by
 Badlaba should be taken. More important information of the filter in the next article.

Knowledge tech 30/4/20

हेलो दोस्तों मै वीरेन्द्र कुमार आपका स्वागत करता हूँ अपने ब्लोग नोलेज टेक मे।इस अंक मे जानेंगे,फिल्टर पेपर मिडिया के बारे में।कियोंकि फिल्टर मे सबसे महत्वपूर्ण पेपर ही होता है।पर आप ये न समझे की जिस पेपर पर लिखते या पढते है ये वो पेपर होता है।इसकी पेपर बिशेष प्रकार से बनायी जाती है:-1,सेल्युल्योस(लकरी)की मिश्रण से बनायी जाती है।इस पेपर मे छिद्र थोरे बरे होते है,जिसमे दस या इससे ऊपर के मायक्रोन साइज़ के डस्ट या धुल रोकने की क्षमता होती है।50या60%परसेंट ऑइल फिल्टरेषण करती है,परंतु इसमे ऑइल मे मौजूद नमी अवशोषित करने की भी क्षमता होतीहै।
इस पेपर की क्षमता (stranth)कम होती है,जिस कारण ये सस्ता होता है और 100% कम भी नही करती है ।और जब इसके छिद्र चॉक या जाम होने की स्थिति मे इंजन तेल अवशोषित करने के लिये अपनी पावर या क्षमता बढाती है।तब इसके छिद्र खुलने लगते है,और छोटी-छोटी दूषित कण भी तेल साथ पास हो जाती है।और पेपर भी फटने की चांस भ(मौका)बढ़ जाती है।इसलिये अपने वाहन की मेन्टीनेंस बुक मे लिखे समय या किलोमीटर के निर्देशानुसार फिल्टर बदलबा लेनी चाहिये।नही तो इंजन की कार्य क्षमता प्रभावित होने की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।और दो तरह की पेपर की उल्लेख अगले अंक मे।तो दोस्तो ये लेख आपको कैसी लगी,अपना कमेंट और सुझाब अवस्य दे।धन्यवाद ।
         





Wednesday, April 29, 2020

नोलेज टेक 30/4/20

हेलो दोस्तों मै वीरेन्द्र कुमार आपका स्वागत करता हूँ अपने ब्लोग के इस अंक मे।आज हम बात करेंगे ऑइल पेपर फिल्टर की।पहले इसकी बनाबट की चर्चा कर लेते है ।कियोंकि तभी आप अछी तरह समझ पायेंगे।1,पेपर मिडिया,2,सर्कल(गोलाकार)टाईप की जाली,3,लेवल,4,टॉप-बॉटम,(उपर-निचे)लगने वाला कैप,5,एक विषेश प्रकार का गम्।इन सभी को असेम्बलीन्ग करके फिल्टर का आकर दिया जाता है।फिर गम की सहयता से उपर-निचे टॉप बॉटम चिपका (पेस्ट) दिया जाता है।बॉटम मे एक सेफ्टी वाल्व लगा रहता है।इस तरह फिल्टर तैयार किया जाता है।इसका पेपर पिलिटींग की जाती है।जिससे ऑइल मे मौजूद विनाषकारी और दूषित तत्व को अधिक से अधिक फिल्टरेषण के बाद स्टोर किया जा सके। कियोंकि फिल्टर मे सबसे महत्वपूर्ण पेपर कि ही  काम होती है।इसमे बहुत छोटी छोटी छिद्र होते है
जिसे  मैक्रोमीटर या(बीटा) द्वारा मापा जाता है।जो तकरीबन (Bx-10)या पांच मक्रोन के बराबर होता है।या फिर पेपर मिडिया के ऊपर निर्भर करता है।फिल्टर पेपर भी तीन प्रकार की होती है।जिसकी चर्चा हम अगले लेख मे करेंगे।जब फिल्टरेषण के दौरान पेपर की छिद्र ब्लोक या जाम हो जाती है ।और इंजन मे तेल की कमी होने लगती है।तब इंजन अपनी क्षमता (पावर)बढा कर तेल खिचती (ग्रहण)है।इस इस्थिती मे फिल्टर वाल ऊपर उठ जाती है और तेल सिधे इंजन मे चली जाती है।साथ ही हानिकारक तत्व भी चली जाती है।जिससे इंजन को नुकसान पहुंचती है।इसलिये फिल्टर समय से बदलबा लेनी चाहिए।तो दोस्तों ये लेख आपको कैसी लगी,अपना कमेंट या सुझाब जरुर लिखे।धन्यवाद ।